Sunday, June 19, 2011

मानव की पहली अंतरिक्ष उड़ान-यूरी गागरीन

यूरी गागारिन: प्रथम अंतरिक्ष यात्री

यूरी गागारिन: प्रथम अंतरिक्ष यात्री

आज ही के दिन पचास वर्ष पहले बारह अप्रैल 1961 सोवियत संघ के यूरी गागारिन ने पृथ्वी का एक चक्कर लगाकर अंतरिक्ष में मानव उड़ान के युग की शुरुआत की थी। अंतरिक्ष में उन्होंने 108 मिनट की उड़ान भरी। जैसे ही रॉकेट छोड़ा गया गागारिन ने कहा, “पोयेख़ाली“, जिसका अर्थ होता है ”अब हम चले“।
ये एक मजेदार तथ्य है कि युरी को इस अभियान के लिए उन की कम उंचाई के कारण चुना गया था,कुल पाँच फ़ुट दो इंच के गागारिन अंतरिक्ष यान के कैपसूल में आसानी से फ़िट हो सकते थे।

उड़ान के बाद जब वो अंतरिक्ष में पहुँचे तो पृथ्वी का प्रभामंडल देखकर हतप्रभ थे। उन्होंने आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि पृथ्वी की सतह पर पड़ने वाली बादलों की छाँव अदभुत दृश्य का निर्माण कर रही है।

अंतरिक्ष की इस पहली उड़ान के दौरान यूरी गागारिन का अपने यान पर कोई नियंत्रण नहीं था। लेकिन इस बात को लेकर भी चिंता थी कि अगर धरती से अंतरिक्ष यान का नियंत्रण नहीं सध पाया तो क्या होगा।इसके लिए यूरी गागारिन को एक मुहरबंद लिफ़ाफ़े में कुछ कोड दिए गए थे जिनके ज़रिए वो आपात स्थिति में यान को नियंत्रित कर सकते थे। लौटते वक़्त उनका यान लगभग बरबादी के कगार पर पहुँच गया था. लेकिन इसका पता बाद में लगा। गागारिन के कैप्सूल को दूसरे मॉड्यूल से जोड़ने वाले तार लौटते वक़्त ख़ुद से अलग नहीं हुए और पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही उनका कैपसूल आग की लपटों में घिर गया।गागारिन ने

बाद में उस घटना को याद करते हुए कहा, “मैं धरती की ओर बढ़ते हुए एक आग के गोले के भीतर था।

पूरे दस मिनट तक आग में घिरे रहने के बाद किसी तरह तार जले और उनका कैप्सूल अलग हुआ। धरती पर लौटने से पहले ही यूरी गागारिन एक मशहूर अंतरराष्ट्रीय शख़्सियत बन चुके थे।