Sunday, June 19, 2011

बुढापे की ओर बढ़ती हुयी मंदाकिनी

मंदाकिनी आकाशगंगा

मंदाकिनी आकाशगंगा

यह हमारी अपनी आकाशगंगा मंदाकिनी है जो लगभग 100 हजार प्रकाशवर्ष चौड़ी है।

हमारी मन्दाकिनी आकाशगंगा उम्र के ऐसे दौर से गुजर रही है, जिसके बाद अगले कुछ अरब वर्षों में इसके सितारों के बनने की गति धीमी पड़ जाएगी। ग्रहों पर नजर रखने वाले वैज्ञानिको का कहना है कि आकाशगंगा को आमतौर पर दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। ऊर्जा से भरपूर नीली आकाशगंगा जो तेज रफ्तार से नए सितारों को गढ़ती रहती हैं और सुस्त लाल आकाशगंगा जो धीरे-धीरे मौत की ओर बढ़ रही होती हैं।

स्विनबर्ग टेक्नॉलजी यूनिवर्सिटी की एक टीम ने यह दिखाया है कि हमारी मन्दाकिनी आकाशगंगा इनमें से किसी भी श्रेणी के तहत नहीं आती। यह एक ‘हरित घाटी(Green Vally)‘ जैसी आकाशगंगा है, जो किशोर नीली आकाशगंगा और बूढ़ी लाल आकाशगंगा के बीच की स्थिति में है।

ऐस्ट्रोफिजिकल जर्नल के एक शोध पत्र के अनुसार, ऐसा पहली बार है, जब वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड की बाकी आकाशगंगाओं के साथ हमारी आकाशगंगा के रंग और सितारों के बनने की दर की तुलना की है। टीम को हेड करने वाले डॉ. डेरन क्रोटोन ने कहा कि अपनी आकाशगंगा की स्थिति का उस समय आकलन करना काफी कठिन होता है, जब हम खुद इसके भीतर मौजूद हों।

इस समस्या का हल करने के लिए वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा के पिछले 20 साल के दौरान लिए गए आंकड़ों का अध्ययन किया और इसे आकाशगंगा की मौजूदा स्थिति की एक व्यापक तस्वीर में फिट करने के लिए जमा किया। डॉक्टर क्रोटोन ने कहा कि ब्रह्माण्ड के तमाम रंगों को वर्गीकरण करने के दौरान हमने जिन गुणों को देखा है, उनके आधार पर हम यह कह सकते हैं कि विकासक्रम में हमारी आकाशगंगा नीली और लाल के मध्य की अवस्था में है। इसका मतलब है कि इसमें तारे बनने की प्रक्रिया अगले कुछ अरब वर्षों में धीमी पड़ जाएगी।