Sunday, June 19, 2011

धूल के बादलो से रेखांकित आकाशगंगा एन जी सी ७०४९

धूल के बादलों से रेखांकित आकाशगंगा एन जी सी ७०४९

धूल के बादलों से रेखांकित आकाशगंगा एन जी सी ७०४९

इस असामान्य आकाशगंगा का निर्माण कैसे हुआ होगा? यह कोई नही जानता है क्योंकि यह पेंचदार(Spiral) आकाशगंगा एन जी सी ७०४९ है ही इतनी विचित्र! एन जी सी ७०४९ मे सबसे विचित्र एक धूल और गैस का वलय है हो इस आकाशगंगा के बाह्य रूपरेखा मे दिख रहा है। यह धूल का वलय जैसे इस आकाशगंगा के छायाचित्र मे बाह्य सीमाओ को रेखांकित कर रहा हो!

यह अपारदर्शी वलय इतना गहरा है कि यह अपने पिछे लाखों तारो को ढंक दे रहा है। यदि इस गहरे वलय को छोड़ दे तो यह आकाशगंगा एक दीर्घवृताकार(Elliptical) आकाशगंगा है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसमे कुछ तारो के गोलाकार समूह(Globular Cluster) भी है। उपर दिया गया चित्र हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला से लिया गया है।

इस चित्र के उपर मे चमकता तारा हमारी आकाशगंगा (मंदाकिनी) का है जो इस आकाशगंगा से संबधित नही है। एन जी सी ७०४९ आकाशगंगा मे अपने समूह की आकाशगंगाओं मे सबसे चमकदार है, जो यह दर्शाती है कि यह आकाशगंगा बहुत सी आकाशगंगाओ के टकराव और एकीकरण से बनी है।

यह आकाशगंगा १५० हजार प्रकाशवर्ष चौड़ी तथा पृथ्वी से १००० लाख प्रकाशवर्ष दूर है।