ये फोटोशाप या किसी कम्प्युटर द्वारा बनाई गयी डीजीटल तस्वीर नही है! ये तो प्रकृती द्वारा निर्मित है !
यह असामान्य लाल आयताकार निहारिका कैसे बनी ?
इस निहारिका के मध्य मे एक वृद्ध होता तारा-युग्म (Binary Stars)है जो इस निहारिका को उर्जा प्रदान करता है। लेकिन यह तारा युग्म इस निहारिका के रंगो का कारण बताने मे असमर्थ है। इस निहारिका का असामान्य लाल आयताकार होना एक मोटे धूलि टारस के कारण है जो गोलाकार रूप से धूल और गैस के बाह्यप्रवाह को शंक्वाकार रूप मे संकुचित करता है। ये शंकू एक X के जैसे दिखायी देते है। जबकि टारस किनारो पर आयताकार रूप मे दिखायी दे रहा है।
इस निहारिका के रंगो के कारण के पिछे ज्यादा जानकारी नही है लेकिन शायद यह इसमे उपस्थित हायड्रोकार्बन अणुओ से है। यह हायड्रोकार्बन के अणु जिवन की मूलभूत ईकाई है।
यह लाल आयताकार नेबुला २३०० प्रकाशवर्ष दूर युनिकार्न (Unicorn) तारामंडल की ओर स्थित है। उपर दी गयी तस्वीर ह्ब्बल दूरबीन से ली गयी है। कुछ अरब वर्ष पश्चात यह निहारिका अपने केन्द्र के तारो के इंधन की समाप्ति के कारण एक ग्रहीय निहारिका(Planetary nebula)के रूप मे परिवर्तित हो जायेगी।