एक तारा कितना विशाल हो सकता है ?
खुले तारासमुह पिसमीस २४ मे एक तारे के बारे मे अनुमान है कि वह सूर्य से २०० गुना बडा हो सकता है जो कि एक रिकार्ड है। यह अनुमान उसकी पृथ्वी से दूरी, चमक और मानक सौर माडलो पर आधारीत है।
महाकाय तारा पिसमीस २४-१
चित्र मे यह तारा गैस के बादल के दांये सबसे चमकदार पिण्ड के रूप मे दिखायी दे रहा है। हब्बल दूरबीन से ली गयी ताजा तस्वीरो से पता चलता है कि इस तारे की चमक(प्रकाश दिप्ती) के पिछे कम से कम तीन तारो का योगदान है। इसके बावजूद ये तारे कम से कम सूर्य से १०० गुना बडे होंगे, फिर भी यह एक रिकार्ड है।
अपने विशालकाय द्रव्यमान की वजह से ये तारे अपनी मृत्यु के पश्च्चात श्याम वीवर को जन्म देंगे। लेकिन यह प्रक्रिया कुछ अरब वर्ष मे बाद ही होगी।
चित्र मे बाये उत्सर्जन निहारीका NGC 6357 दिखायी दे रही है जिसमे अनेको तारो का जन्म हो रहा है। किन्ही अज्ञात कारणो से इस निहारीका मे निर्मीत तारे महाकाय है, इसमे निर्मीत तारो का द्रव्यमान औसतन सूर्य से १० गुना ज्यादा है। ये निहारीका हमसे ८००० प्रकाशवर्ष दूर है और ४०० प्रकाशवर्ष चौडी है। इस निहारीका मे गैस, श्याम धूल और नये तारो का जमावडा है।इस निहारीका का लाल रंग इसमे पाये जाने वाले आवेशीत हायड्रोजन (ionized)परमाणुओ के कारण है।