किसी ब्रह्मांडीय पिंड से आने वाला प्रकाश रंगो की विस्तृत श्रेणी मे आता है, जिसमे से हर रंग विद्युत चुंबकिय विकिरण की एक विशिष्ट तरंग से संबधित होता है। हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला दृश्य प्रकाश की तरंगो के अतिरिक्त अन्य हजारों तरह की तरंगो जैसे अवरक्त, पराबैंगनी तरंगो को भी ग्रहण कर सकता है।
खगोलिय पिंड प्रकाश की भिन्न भिन्न तरंगो पर भिन्न रूप से दिखते हैं। हब्बल दूरबीन कुछ विशिष्ट फिल्टरो का प्रयोग कर अवांछित तरंगो को हटा देती है तथा वांछित तरंगो से ही चित्र लेती है।
फिल्टर कार्य कैसे करते है?
फिल्टर कार्य कैसे करते है, इसे समझने के लिये बाजू का चित्र देंखे। इस चित्र मे एक पीले रंग के कांच वाली खीड़की है। इस खीड़की के एक ओर पर पर यदि साधारण प्रकाश डाला जाये, तब दूसरी ओर केवल पीले रंग का प्रकाश दिखायी देता है। यह कैसे होता है?
कांच साधारण प्रकाश को पीले रंग मे नही बदल रहा है! कांच पीले रंग के अलावा बाकि सभी रंगो को अवशोषित कर ले रहा है और केवल पीले रंग हो पार होने दे रहा है, जिससे हम दूसरी ओर पीला रंग ही देख पा रहे है। यह सभी वस्तुओं के साथ होता है, लाल रंग का सेब , लाल रंग के अतिरिक्त सभी रंग के प्रकाश को अवशोषित कर लेता है, जिससे सेब हमे लाल दिखायी देता है। सफेद चूना कोई रंग अवशोषित नही करता इसलिए सफेद दिखायी देता है, वही श्यामपट सभी रंग को अवशोषित कर लेता है और काला दिखायी देता है। ध्यान दें सफेद अर्थात सभी रंगो की मौजूदगी तथा काला अर्थात सभी रंगों की अनुपस्थिति।
विभिन्न फिल्टरों के प्रयोग से लिए गये चित्र
फिल्टरो की इसी कार्यपद्धति का प्रयोग हब्बल दूरबीन करती है। वह हर अंतरिक्ष के पिंड का चित्र अलग अलग फिल्टर के साथ लेती है। यह इसलिए किया जाता है कि हर फ़िल्टर से ली गयी तस्वीर उस पिंड के विशिष्ट गुण को उभारती है। [बाजू की तस्वीर देंखे, इस तस्वीर मे आकाशगंगा एन जी सी 1512 की तस्वीर भिन्न फिल्टरो के प्रयोग से ली गयी है। ] जैसे अवरक्त(infrared) फिल्टर से ली गयी तस्वीर उस पिंड के विभिन्न भागों के तापमान के अंतर को दिखाती है। स्वाइन फ्लू के प्रकोप के दौरान पर इसी तकनीक के प्रयोग से किसी ज्वर से पिड़ीत व्यक्तियों का पता लगाया जा रहा था। एक्स रे फिल्टरों का प्रयोग कर श्याम विवरो की खोज की जाती है क्योंकि श्याम विवर एक्स रे का उत्सर्जन करते है। श्याम विवरो के अस्तित्व का प्रमाण भी सीग्नस एक्स 1(Cygnus X 1) की एक्स रे तस्वीर से मिला था।
निचे दी गये चित्र मे विभिन्न फिल्टरो से लिये गये आकाशगंगा एन जी सी 1512के चित्रो के विस्तार से दर्शाया गया है। ध्यान दिजीए कि एक ही पिंड के विभिन्न फिल्टरों से लिए गये चित्र कितने भिन्न हो सकते है।
खगोलिय पिंड प्रकाश की भिन्न भिन्न तरंगो पर भिन्न रूप से दिखते हैं। हब्बल दूरबीन कुछ विशिष्ट फिल्टरो का प्रयोग कर अवांछित तरंगो को हटा देती है तथा वांछित तरंगो से ही चित्र लेती है।
फिल्टर कार्य कैसे करते है?
फिल्टर कार्य कैसे करते है, इसे समझने के लिये बाजू का चित्र देंखे। इस चित्र मे एक पीले रंग के कांच वाली खीड़की है। इस खीड़की के एक ओर पर पर यदि साधारण प्रकाश डाला जाये, तब दूसरी ओर केवल पीले रंग का प्रकाश दिखायी देता है। यह कैसे होता है?
कांच साधारण प्रकाश को पीले रंग मे नही बदल रहा है! कांच पीले रंग के अलावा बाकि सभी रंगो को अवशोषित कर ले रहा है और केवल पीले रंग हो पार होने दे रहा है, जिससे हम दूसरी ओर पीला रंग ही देख पा रहे है। यह सभी वस्तुओं के साथ होता है, लाल रंग का सेब , लाल रंग के अतिरिक्त सभी रंग के प्रकाश को अवशोषित कर लेता है, जिससे सेब हमे लाल दिखायी देता है। सफेद चूना कोई रंग अवशोषित नही करता इसलिए सफेद दिखायी देता है, वही श्यामपट सभी रंग को अवशोषित कर लेता है और काला दिखायी देता है। ध्यान दें सफेद अर्थात सभी रंगो की मौजूदगी तथा काला अर्थात सभी रंगों की अनुपस्थिति।
विभिन्न फिल्टरों के प्रयोग से लिए गये चित्र
फिल्टरो की इसी कार्यपद्धति का प्रयोग हब्बल दूरबीन करती है। वह हर अंतरिक्ष के पिंड का चित्र अलग अलग फिल्टर के साथ लेती है। यह इसलिए किया जाता है कि हर फ़िल्टर से ली गयी तस्वीर उस पिंड के विशिष्ट गुण को उभारती है। [बाजू की तस्वीर देंखे, इस तस्वीर मे आकाशगंगा एन जी सी 1512 की तस्वीर भिन्न फिल्टरो के प्रयोग से ली गयी है। ] जैसे अवरक्त(infrared) फिल्टर से ली गयी तस्वीर उस पिंड के विभिन्न भागों के तापमान के अंतर को दिखाती है। स्वाइन फ्लू के प्रकोप के दौरान पर इसी तकनीक के प्रयोग से किसी ज्वर से पिड़ीत व्यक्तियों का पता लगाया जा रहा था। एक्स रे फिल्टरों का प्रयोग कर श्याम विवरो की खोज की जाती है क्योंकि श्याम विवर एक्स रे का उत्सर्जन करते है। श्याम विवरो के अस्तित्व का प्रमाण भी सीग्नस एक्स 1(Cygnus X 1) की एक्स रे तस्वीर से मिला था।
निचे दी गये चित्र मे विभिन्न फिल्टरो से लिये गये आकाशगंगा एन जी सी 1512के चित्रो के विस्तार से दर्शाया गया है। ध्यान दिजीए कि एक ही पिंड के विभिन्न फिल्टरों से लिए गये चित्र कितने भिन्न हो सकते है।